Adani Group And The US Department of Justice: नॉर्वे के राजनयिक एरिक सोलहेम ने अडानी समूह पर अमेरिकी मुकदमे को "पूर्णतः अमेरिकी अतिक्रमण" करार दिया है. उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि इस प्रकार का अमेरिकी अतिक्रमण दुनिया के लिए भी नुकसानदेह है.
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Norway Diplomat Erik Solheim: अडानी समूह के अधिकारियों पर अमेरिकी न्याय विभाग (डीओजे) द्वारा अभियोग लगाना "पूर्णतः अमेरिकी अतिक्रमण" के अलावा और कुछ नहीं है. इसके समाप्त होने के बाद अडानी समूह और अधिक मजबूत होकर वापस आएगा. नॉर्वे के पूर्व जलवायु और पर्यावरण मंत्री एरिक सोलहेम ने शनिवार को भारतीय कारोबारी के खिलाफ अमेरिका में चल रहे केस पर यह चौंकाने वाला बयान दिया है.
'अमेरिकी कोर्ट के बजाय भारतीय न्यायिक प्रणाली का हिस्सा होना चाहिए'
न्यूज एजेंसी आईएएनएस के साथ बातचीत में नॉर्वे के वरिष्ठ राजनयिक सोलहेम ने कहा कि अगर अमेरिका को अडानी समूह के बारे में कोई शिकायत है, तो उसे पहले भारत सरकार के पास जाना चाहिए, उनके संज्ञान में लाना चाहिए और उसके बाद इसे अमेरिकी कोर्ट के बजाय भारतीय न्यायिक प्रणाली का हिस्सा होना चाहिए. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि इस प्रकार का अतिक्रमण हानिकारक भी है, क्योंकि अडानी समूह भारत के हरित परिवर्तन के लिए एक महत्वपूर्ण माध्यम है.
अडानी समूह के पास सौर तथा पवन ऊर्जा संयंत्र की बहुत बड़ी योजनाएं
सोलहेम ने आईएएनएस से कहा, "उनके पास सौर तथा पवन ऊर्जा संयंत्र स्थापित करने की बहुत बड़ी योजनाएं हैं और कई भारतीय राज्यों तथा विदेशों में हरित परियोजानओं में बड़े निवेश हैं. अडानी समूह ने ऊर्जा सुरक्षा पहलों के लिए अमेरिका में 10 बिलियन डॉलर का निवेश करने की घोषणा भी की है. अब इस प्रकार के अभियोगों से यह सब प्रभावित होगा." उन्होंने कहा कि अडानी समूह ने अमेरिकी ऊर्जा सुरक्षा और बुनियादी ढांचा परियोजनाओं में 10 बिलियन डॉलर का निवेश करने की प्रतिबद्धता जताई है. इसका लक्ष्य देश में 15,000 स्थानीय नौकरियां सृजित करना है.
IANS Exclusive
US DoJ indictment of Adani ‘complete American overreach,’ harmful for green revolution: Erik Solheim
Former Minister of Climate and the Environment of Norway, Erik Solheim says, “They have enormous plans to establish solar and wind facilities and have large… pic.twitter.com/v4lJv6HEgZ
— IANS (@ians_india) December 21, 2024
इसके बाद और भी मज़बूती से वापस आएगा अडानी समूह, सोलहेम का दावा
एरिक सोलहेम ने कहा कि अडानी समूह पर अमेरिकी न्याय विभाग का आरोप ‘पूरी तरह से अमेरिकी अतिक्रमण’ है और हरित क्रांति के लिए हानिकारक है. सोलहेम ने आगे कहा कि अमेरिका को इस तरह के अधिकारपूर्ण दृष्टिकोण को बंद करना चाहिए और इसके बजाय इस तरह के निरर्थक कार्यों के परिणामों पर विचार करना चाहिए. उन्होंने कहा कि “मुझे यकीन है कि अडानी समूह इसके बाद और भी मज़बूती से वापस आएगा.”
संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम के कार्यकारी निदेशक के रूप में काम करने वाले सोलहेम ने कहा कि वह समय बीत चुका है जब संयुक्त राज्य अमेरिका जैसे पश्चिमी देश दुनिया के मध्यस्थ और न्यायाधीश थे. उन्होंने कहा, "यह अब अतीत की बात हो गई है. इसे जरूर रोका जाना चाहिए."
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अडानी केस से जुड़े अमेरिकी अटॉर्नी ब्रायन पीस ने की पद छोड़ने की घोषणा
इस बीच, अडानी समूह के अधिकारियों के खिलाफ आरोप प्रस्तुत करने वाले अमेरिकी अटॉर्नी ब्रायन पीस ने कथित तौर पर 10 जनवरी को पद छोड़ने की घोषणा की है. 20 जनवरी को अगले अमेरिकी राष्ट्रपति के रूप में डोनाल्ड ट्रम्प के शपथ ग्रहण से कुछ ही दिन पहले ही ऐसा करने की पेशकश को लेकर तमाम तरह की चर्चाएं तेज हो गई हैं.
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इस साल नवंबर में, अमेरिकी न्याय विभाग ने अडानी समूह के अधिकारियों पर प्रतिभूति धोखाधड़ी से लेकर वायर धोखाधड़ी तक के आरोपों में मुकदमा शुरू किया था. अडानी समूह ने आरोपों को "सार्वजनिक रूप से उपलब्ध जानकारी के दुर्भावनापूर्ण, शरारती और जोड़-तोड़ वाले चयन" के रूप में मजबूती से खारिज कर दिया था.
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